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Monday, 3 September 2018

लोकतंत्र में असहमति के लिए स्थान तो होना ही चाहिए, लेकिन इसकी आड़ में अराजकता नहीं

2014- 2017 की अवधि में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में 185 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

from Jagran Hindi News - editorial:apnibaat https://ift.tt/2NFfLdj

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