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Monday 10 September 2018

गिरकर उठने का सुख; गिरावट तो आदमी की मूल प्रकृति है, वह गिरकर ही उठता है

जब कलाबाजी विकसित हो जाती है, बुद्धिजीवी इसे कलावाद कहते हैं।

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