लेखक होने और लिखने के शौक में वही अंतर है जो नेता होने और नेतागीरी करने में है - Breaking News

by Professional Guide

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Wednesday, 16 January 2019

लेखक होने और लिखने के शौक में वही अंतर है जो नेता होने और नेतागीरी करने में है

व्यवस्था यूं बदली कि आदरणीय और बुद्धिजीवी होना लेखक की आवश्यक योग्यता बन गई। शासन को ऐसे लेखक बड़े भाते थे जो पाठकों के अभाव को सत्ता के प्रभाव से भरते थे।

from Jagran Hindi News - editorial:apnibaat http://bit.ly/2H7cUuL

No comments:

Post a Comment

ऑनलाइन SBI देता है कई सुविधाएं, घर बैठे चुटकी में हो जाएंगे आपके ये काम

SBI Online: भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) अपने ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल पर नेटबैंकिंग की अलावा कई अन्य सुविधाएं देता है. इनका लाभ उठा...

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here