बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू से हड़कंप, कबूतर और कौओं की मौत ने सरकार की बढ़ाई चिंता - Breaking News

by Professional Guide

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Wednesday 13 February 2019

बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू से हड़कंप, कबूतर और कौओं की मौत ने सरकार की बढ़ाई चिंता

बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू तेजी से पांव पसारता जा रहा है. पटना, मुंगेर, बांका, समस्तीपुर, नावादा के बाद अब जहानाबाद जिले में भी बर्ड फ्लू फैल गया है. जहानाबाद जिले में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. राज्य सरकार ने बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट जारी कर रखा है. राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग को सभी पोल्ट्री फॉर्म से मुर्गों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया है. बर्ड फ्लू से प्रभावित जिलों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. बर्ड फ्लू से प्रभावित जिलों के सदर अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जहां किसी भी संभावित रोगी की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है. पिछले दिनों ही बिहार की राजधानी पटना, मुंगेर और मुजफ्फरपुर में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी मिलने के बाद सैकड़ों मुर्गियों की मारने की खबर आई थी. पिछले साल दिसंबर महीने में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में बर्ड फ्लू के कारण 5 मोरों की मौत हो गई थी. पिछले साल 26 दिसंबर से ही संजय गांधी जैविक उद्यान आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. संजय गांधी जैविक उद्यान में एच5एन1 वायरस के कारण अब तक छह मोरों की मौत हो चुकी है. बीते सप्ताह ही जहानाबाद कलेक्ट्रेट परिसर में कई कौओं की मौत हो गई थी, जिनमें से दो मृत कौओं के नमूनों को जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा गया था. इन कौओं में बर्ड फ्लू के वायरस एच5एन1 पाए जाने की पुष्टि हुई है. क्या है बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा यानी H5N1 वायरस को बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है. इस खतरनाक वायरस का संक्रमण आदमी और पक्षियों को सर्वाधिक प्रभावित करता है. बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस और बत्तख की प्रजाति जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इससे इंसान और पक्षियों की मौत तक हो सकती है. [caption id="attachment_181120" align="alignnone" width="1002"] प्रतीकात्मक तस्वीर[/caption] पिछले दो महीनों से झारखंड के कुछ जिलों के साथ बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू का खतरा मंडराता जा रहा है. दो महीने पहले ही झारखंड के गोड्डा और गुमला में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया था. बिहार के जहानाबाद सहित कई जिलों में आधे दर्जन से अधिक पक्षियों के मरे होने और कई पक्षियों के तड़पते देखे जाने के बाद राज्य सरकार जागी थी. बता दें कि पिछले दिनों बिहार के गया जिले में एक साथ दर्जनों कौओं की मौत के बाद बर्ड फ्लू की आशंका से लोगों में दहशत फैल गया था. गया शहर के प्रभावति अस्पताल परिसर में दर्जनों कौआ के मरे मिलने से लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया था. अस्पताल परिसर में ही करीब डेढ़ दर्जन मरे हुए कौओं के मिलने से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया और उन्हें बर्ड फ्लू की आशंका सताने लगी थी. अस्पताल प्रशासन ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पशुपालन विभाग के कर्मियों को दी थी. मगध यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग के कुछ रिसर्च स्कॉलर एवं पशुपालन विभाग के कर्मचारियों ने मरे हुए कौओं का सैंपल लेकर लेबोरेटरी जांच के लिए भेजा था. मगध यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च स्कॉलर के मुताबिक मरे हुए कौओं की गहन जांच में फ्लू के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से राजधानी पटना, मुंगेर सहित नवादा में पक्षियों की मौत होने की वजह से इस इलाके में लोग बर्ड फ्लू की धमक पहुंचने से भयभीत हैं. इलाके में मरे हुए कोओं की संख्या में और भी इजाफा हो रहा है. हर दिन 15 से 20 कौआ का सैंपल इकट्ठा किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया है कि बिहार में बर्ड फ्लू प्रवेश कर गया है. बिहार के पांच से सात जिले इसकी चपेट में आ गए हैं. बिहार के पशुपाल विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एन विजय लक्ष्मी के मुताबिक, ‘संक्रमण से बचने के लिए पशुपालन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई तरह के कदम उठाए हैं. पशुपालकों से पशुओं पर नजर रखने की अपील की गई है. बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत ही सूचना देने के लिए कहा गया है.’ गौरतलब है कि बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में से किसी में भी बर्ड फ्लू के वायरस की जांच नहीं होती है. पटना के पीएमसीएच में भी 'रीयल टाइम पीसीआर' मशीन नहीं है. हालात यह है कि बिहार में ऐसा कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं है, जहां H5N1 वायरस की जांच होती हो. दरभंगा के डीएमसीएच में H5N1 की जांच के लिए साल 2013 में एक मशीन लगाई गई थी, लेकिन वह मशीन भी पिछले कई सालों से खराब है. [caption id="attachment_191576" align="alignnone" width="1002"] प्रतीकात्मक तस्वीर[/caption] आपको बता दें कि बिहार में बर्ड फ्लू का पता लगाने के लिए अब तक पक्षियों के 460 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें तीन जगहों पर इसके जीवाणु की पुष्टि हो चुकी है. पटना में संजय गांधी जैविक उद्यान, मुंगेर के मोबारकचक और जमालपुर के असरगंज में बर्ड फ्लू की पॉजीटिव रिपोर्ट मिली है. राज्य में अब तक आधिकारिक आंकड़ों की माने तो 500 से अधिक पक्षियों की जान जा चुकी है. वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच बीते 4 जनवरी को शोध और पशु चिकित्सकों की 6 सदस्यीय केन्द्रीय टीम ने भी बिहार के दौरे पर गई थी. राज्य पशुपालन निदेशालय में बर्ड फ्लू की सूचना के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है. पक्षियों के मरने की सूचना पर जांच के लिए टीम गठित करने के साथ दवा छिड़काव का कार्य शुरू कर दिया गया है. बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक बिहार में अब तक किसी भी आदमी में बर्ड फ्लू होने की कोई कोई सूचना नहीं है. केंद्र सरकार ने भी एहतियात के तौर पर बर्ड फ्लू की दवा ‘टेमी फ्लू’ बिहार में उपलब्ध कराई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बर्ड फ्लू को लेकर पूरे राज्य में एडवायजरी जारी की है.

from Latest News देश Firstpost Hindi http://bit.ly/2GKfTb5

No comments:

Post a Comment

ऑनलाइन SBI देता है कई सुविधाएं, घर बैठे चुटकी में हो जाएंगे आपके ये काम

SBI Online: भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) अपने ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल पर नेटबैंकिंग की अलावा कई अन्य सुविधाएं देता है. इनका लाभ उठा...

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here