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Sunday, 3 March 2019

निर्भया मामला: सजा-ए-मौत के खिलाफ जल्द ही सुधार याचिका दायर कर सकते हैं दोषी

दिल्ली की एक अदालत में बताया गया कि 2012 के सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में तीन दोषी मौत की सजा को चुनौती देते हुए जल्द ही सुधार याचिका दायर कर सकते हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनु ग्रोवर बलिगा ने चार दोषियों की मौत के वारंट को बिना किसी देरी के जारी करने की मांग करने वाली निर्भया के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई की. दोषियों के वकील एपी सिंह ने अदालत को बताया कि दोषी 2017 के फैसले की समीक्षा की याचिका को खारिज करने वाले 2018 के आदेश को चुनौती देते हुए जल्द ही सुधार याचिका दायर कर सकते हैं. 2017 के आदेश में दोषियों को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा गया था. उन्होंने अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल अधिकारियों ने याचिका पर अपने जवाब में भी यही बात कही है. अदालत ने जेल प्रशासन से छह अप्रैल को मामले पर अगली सुनवाई के दिन तक अपनी स्थिति रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए हैं. निर्भया के माता-पिता की याचिका में कहा गया है कि यह वक्त और कानून की मांग है कि जल्द से जल्द और आगे बिना किसी देरी के मौत की सजा दी जाए. वकील जितेंद्र कुमार झा के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, 'दोषियों को सजा देने का इंतजार ना केवल पूरा देश कर रहा है बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर टिकी हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन दोषियों मुकेश (31), पवन गुप्ता (24) और विनय शर्मा (25) की याचिकाएं खारिज कर दी थी. जिनमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के जरिए उन्हें दी गई मौत की सजा बरकरार रखने के 2017 के आदेश की समीक्षा करने की मांग की थी. मौत की सजा पाने वाले चौथे दोषी अक्षय कुमार सिंह (33) ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में मामले में चार दोषियों को तत्काल मौत की सजा देने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. साल 2102 में 23 साल की पैरामेडिक छात्रा से 16-17 दिसंबर की दरम्यिानी रात को दक्षिण दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में बर्बर सामूहिक दुष्कर्म किया था और बुरी तरह पिटाई करने के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था. उसकी 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी. मामले के एक अन्य आरोपी राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली जबकि जुवेनाइल आरोपी बाल सुधार गृह में तीन साल की सजा के बाद रिहा हो गया.

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