नई दिल्ली पूर्वी दिल्ली के जगतपुरी इलाके में के प्रयास का दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक शख्स पर क्रेडिट कार्डों के 8 लाख रुपये बकाया थे। चुकाने के लिए पैसे नहीं थे। इसकी वजह से फैमिली कई दिन से परेशान थी। आखिरकार पति-पत्नी ने अपनी चार साल के बेटी के साथ जान देने का फैसला कर लिया। सोमवार देर रात करीब 3 बजे पिता ने बच्ची को गोद में लेकर मकान की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। मां भी पीछे से कूद गई। सामूहिक रूप से जान देने की इस कोशिश में सुरेश (34) की मौत हो गई। पत्नी मंजीत कौर (31) और चार वर्षीय मासूम का अस्पताल में भर्ती हैं। बच्ची के दोनों पैर में फ्रैक्चर हो गया है। पुलिस के मुताबिक, सुरेश ईस्ट दिल्ली में जगतपुरी के गोविंदपुरा में रहते थे और गुरुग्राम की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे। पड़ोसियों का कहना है कि सुरेश के परिवार के रहन सहन से कभी नहीं लगा कि वे इतना बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। तार में उलझकर पत्नी की जान बची सामूहिक खुदकुशी की इस कोशिश में सुरेश की मौत हो गई, वहीं पत्नी और बेटी बच गईं। बताते हैं, पिता की गोद में होने की वजह से बच्ची सीधे जमीन पर नहीं गिरी और छिटककर बराबर स्कूटी पर गिर गई। उसके पैरों में फ्रैक्चर हुआ है। वहीं, बिजली के तारों में उलझने से मंजीत कौर की जान भी बच गई। सोमवार तड़के 3 बजे जब गली में चीख-पुकार मचने लगी तो पड़ोसी घरों से बाहर निकलकर आ गए। गली में नजारा देखा तो उनकी आंखें फटी रह गईं। दंपती और उनकी चार साल की बेटी सड़क पर जख्मी पड़े थे। अस्पताल में डॉक्टरों ने परिवार के मुखिया के मुर्दा घोषित कर दिया। महिला के सिर में चोट लगी तो बेटी के दोनों पैर टूट गए। सामूहिक आत्महत्या के फैसले से पड़ोसी हैरान हैं, क्योंकि उनका दावा है कि पति-पत्नी में काफी प्यार था। 8 लाख रुपये का कर्ज था पुलिस के मुताबिक, पत्नी मंजीत कौर ने अपने बयान में कहा है कि पति सुरेश कुमार ने कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड ले रखे थे। समय पर भुगतान नहीं होने से कर्ज आठ लाख रुपये तक पहुंच चुका था। परेशान होकर सूइसाइड का फैसला किया गया। पुलिस ने बुधवार को पति के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया, क्योंकि वह बच्ची को गोद में लेकर कूदे थे। गलियों में बिजली और केबल के तारों से लोग काफी परेशान रहते हैं लेकिन छत से छलांग लगाने के बाद मंजीत कौर इन्हीं तारों में कुछ देर उलझ गई। इसके बाद कुछ देर ठहरकर फिर नीचे गिरी। यही वजह से है कि उन्हें कोई बाहरी और अंदरूनी गंभीर चोट नहीं आई। इन्हीं तारों की वजह से उनकी जिंदगी बच गई। सुरेश की सीधे नीचे गिरने से उनकी मौत हो गई। मां और बेटी अस्पताल के अलग-अलग वॉर्ड में भर्ती हैं।
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