नई दिल्ली बीते कुछ दिनों में कोरोना () के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य रहीं (Shamika Ravi) के मुताबिक, भारत में कोरोना की ग्रोथ रेट (Corona Growth Rate) अब 6.6 पर्सेंट है। 2 मई को यही ग्रोथ रेट 4.8 पर्सेंट थी और कोरोना के केस 15 दिन में डबल हो रहे थे। वहीं, अब कोरोना (Coronavirus) के मामले 11 दिन में डबल हो रहे हैं, जोकि काफी चिंता का विषय हैं। प्रफेसर शमिका रवि हर दिन कोरोना से जुड़े आंकड़े ट्वीट करती हैं, जिनको कई बार सोशल मीडिया से लेकर सरकार तक इस्तेमाल करती है। शमिका रवि के मुताबिक, देश में कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी का कारण महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु की चिंताजनक स्थिति है। इन राज्यों या शहरों में कोरोना के मामले काफी तेजी से तो बढ़े ही हैं, साथ में मौत के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रफेसर शमिका के मुताबिक, इन जगहों पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग के लिए कोई खास रणनीति नहीं है। डरा रहे हैं महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात और दिल्ली के आंकड़े केरल के कासरगोड का उदाहरण देते हुए प्रफेसर शमिका बताती हैं कि कासरगोड में 20000 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें से 100 कोरोना पॉजिटिव निकले। जबकि मुंबई में 6000 सैंपल्स में से ही 100 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए। शमिका के मुताबिक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना की दूसरी वेव है, जोकि काफी खतरनाक है और इन राज्यों में पहले से ही कोरोना के मामले ज्यादा हैं। प्रफेसर शमिका रवि कहती हैं, 'बढ़ते आंकड़े को रोकने के लिए कंटेनमेंट, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग का सही कॉम्बिनेशन ही उपयोगी है। अगर कंटेनमेंट और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग खराब है तो पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ती ही रहेगी। राज्यों को रणनीति बनाने के साथ-साथ उसका सख्ती से पालन भी करवाना होगा।' 'देश के औसत को बिगाड़ेगा महाराष्ट्र' महाराष्ट्र के हालात पर चिंता जताते हुए प्रफेसर शमिका कहती हैं कि महाराष्ट्र बुरी तरह फेल हो रहा है, मुझे चिंता है कि इससे देश के औसत पर काफी फर्क पड़ेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के साथ-साथ उन लोगों की पहचान करने की भी जरूरत है, जो पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। इस प्रकार मैनेजमेंट से ही कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। 25 अप्रैल से 5 मई के बीच देश में कोरोना के कारण मौत की संख्या 10 लाख में 1.31 थी। वहीं, अब महाराष्ट्र और गुजरात दोनों में ही यह संख्या पांच के पार पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसपर चिंता जताई है कि ये दोनों राज्य सर्विलांस, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और पॉजिटिव केस की रिपोर्टिंग में लापरवाही बरत रहे हैं, जिसके कारण ही मैनेजमेंट में देरी हो रही है और मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने अपनी 20 टीमें बुरी तरह प्रभावित देश के 20 अलग-अलग शहरों में भेजी हैं, जिससे वास्तविक स्थिति का पता लग सके।
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