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Thursday, 7 May 2020

140 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, 1.35 लाख लोग पहुंचे घर

नई दिल्ली देश के इतिहास में पहली बार रुकी भारतीय (Indian Army) ने प्रवासियों के लिए जमकर काम किया है। कुछ ही दिनों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special) से लाखों लोगों को उनके घर पहुंचाया गया है। रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने 1 मई से अबतक 140 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनसे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए 1 लाख 35 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया गया। रेलवे ने कहा कि बुधवार के लिए 42 ट्रेनों की योजना बनाई गई थी, उसके बाद भी 10 और ट्रेनें चलीं। रेवले के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम दिन के आखिर तक कुछ और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं। रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए मंगलवार रात तक 88 ट्रेनें चलाईं। ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे।' महाराष्ट्र से ही चलाई गईं 25 स्पेशल ट्रेनें श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं लेकिन एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन हो, इसके लिए रेलवे एक डिब्बे में 54 यात्रियों को ही बैठा रहा है। मुंबई से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रेलवे ने जब से श्रमिक स्पेशल सेवा शुरू की है तब से 25 ट्रेनों ने राज्य से प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों में पहुंचाया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘(अवर मुख्य सचिव) नितिन ने मंत्रिमंडल को सूचित किया है कि अबतक राज्य से 25 विशेष ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुईं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक अपवाद हैं।’ इस बीच, कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया। हालांकि, उसने कहा कि बेंगलुरु से बिहार के लिए तीन ट्रेन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार रवाना होंगी। एक ट्रेन पर लगभग 80 लाख का खर्चा! रेलवे ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह खुलासा नहीं किया है कि इन सेवाओं पर कितना पैसा खर्च हुआ है, हालांकि सरकार ने कहा है कि वह 85 और 15 के अनुपात में राज्यों के साथ खर्च वहन किया गया। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं रेलवे ने प्रत्येक सेवा पर 80 लाख रुपये खर्च किए। सेवाओं की शुरूआत से अबतक गुजरात ट्रेनों के प्रस्थान स्थल में सबसे आगे रहा। उसके बाद केरल दूसरे नंबर पर। ट्रेनों के गंतव्यों को लेकर बिहार अैर उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्य रहे। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में फंसे राज्य के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया है।


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