झारखंड की तरह बिहार में भी वामदल हुए महागठबंधन से आउट? - Breaking News

by Professional Guide

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday 22 February 2019

झारखंड की तरह बिहार में भी वामदल हुए महागठबंधन से आउट?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की लोकप्रियता के सहारे बिहार में खुद को पुर्नजीवित करने की वामदलों, खासकर सीपीआई और सीपीएम, की रणनीति दम तोड़ती नजर आ रही है. भरोसेमंद सूत्र का कहना है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि महाभारत 2019 में सीपीआई और सीपीएम की भागीदारी की उन्हें कोई जरूरत नहीं है. सीपीआई के एक कद्दावर नेता ने भी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, 'लोकसभा चुनाव में हमलोगों को सीट देने में लालू यादव की कोई रुचि नहीं है. वो नहीं चाहते हैं कि वामदल फिर से बिहार में जिंदा होकर अपने पैरों पर चल सकें.’ पिछले दो सप्ताह से बिहार के वामदलों के कई शीर्ष नेता लालू यादव से मिलने का अथक प्रयास कर रहे हैं. यहां तक कि सीपीआई के मूर्धन्य नेता रहे कमलाकांत मिश्र 'मधुकर' की बेटी ने भी मोतिहारी सीट को लेकर भेंट करने की कोशिश की थी. लेकिन आरजेडी सुप्रीमो ने उन सभी से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. सीपीआई के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने बातचीत में स्वीकार किया, ‘लालू यादव से मिलने के लिए बीते दो शनिवार को हमलोगों ने अर्जी लगाई थी लेकिन सफलता नहीं मिली’. इसी बीच सीपीआई की बेगूसराय जिला कार्यकारिणी ने 16 फरवरी को सर्वसम्मति से कन्हैया कुमार का नाम चुनाव लड़ने के लिए फाइनल करके राज्य परिषद को भेज दिया है. समझा जाता है कि इस सप्ताह कन्हैया कुमार के अलावा और 4 सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम राज्य परिषद अनुमोदन करके नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी को अंतिम मुहर लगाने के लिए भेज देगी. स्टेट सेक्रेटरी सत्यनारायण सिंह तथा सीपीआई राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राम नरेश पांडेय ने बतौर पर्ववेक्षक बेगूसराय जिला परिषद की बैठक में शिरकत की थी. सत्यनाराण सिंह का कहना है कि किसी सूरत में बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई लड़ेगी. कन्हैया कुमार ही उम्मीदवार होंगे. वैसे कुछ दिन पहले बयान जारी कर जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. कन्हैया कुमार को बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाए जाने और वामदलों को महागठबंधन में उचित स्थान देने के सवाल पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी तथा सीपीआई नेता डी राजा भी क्रमशः जनवरी 12 और 19 को रांची जेल में लालू यादव से मुलाकात कर चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि डी राजा ने आरजेडी सुप्रीमो से रिक्वेस्ट की कि बेगूसराय को जोड़कर कम से कम तीन सीट सीपीआई के लिए छोड़ दें. उसी तरह सीताराम येचुरी ने बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर आईसीयू में सांस ले रही अपनी पार्टी के लिए दो लोकसभा सीटों की मांग की है. महागंठबधन से जुड़े एक नेता का कहना है, ‘हमारे कुनबे में चुनावी जंग में भागीदारी के लिए उसी पार्टी और नेता को तरजीह दी जाती है जिसके घर में या तो ‘लक्ष्मी’ का वास हो या फिर पॉकेट में वोट का जखीरा हो. जगजाहिर है कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में बिहार में वाम दलों के पास इन दोनों संसाधनों में से कोई पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं है. हां, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन यानी माले के पीछे अच्छा खासा जन समर्थन है. इसीलिए हमारे नेता लालू यादव के दिल में इनके प्रति स्नेह का भाव है. हो सकता है कि आरा की लोकसभा सीट माले के खाते में चली जाए. 1989 चुनाव में माले के रामेश्वर प्रसाद ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. माले का अपना मजबूत आधार वोट है.’ चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव प्रत्येक शनिवार को तीन लोगों से मुलाकात करते हैं. 16 फरवरी को आरजेडी चीफ अपने छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मिले. काफी देर तक बातचीत हुई. लेकिन अर्जी लगने के बाद भी वामदलों के नेताओं से मिलने से मना कर दिया. कयास लग रहा है कि आरजेडी सुप्रीमो ने तेजस्वी यादव को आरजेडी कोटे से किस सीट पर कौन व्यक्ति चुनाव लड़ेगा इसकी सूची दे दी है. यह भी चर्चा में है कि जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने उत्तराधिकारी पुत्र को यह भी बता दिया है कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी, बीएसपी और हम सेकुलर पार्टियों को कौन सीटें दी जाएंगी. बहरहाल, महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों की बटवारे की घोषणा इस महीने के अंतिम सप्ताह में की जानी की पूरी संभावना है. वैसे आरजेडी के एक नेता ने बताया कि एनडीए की सूची आने तक हमलोगों द्वारा इंतजार किया जा सकता है. जो भी हो, लेकिन एक बात तो लगभग क्लियर हो गई है कि वामदलों के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है. ऐसी परिस्थति में बिहार की भूमि पर राजनीतिक रूप से सक्रिय तीनों वाम दल क्रमशः सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन अगले महाभारत में एकला तलवार भाजेंगे. कुछ सीटों पर आपसी तालमेल कर सकते हैं. वैसे जानकारी के लिए पड़ोसी राज्य झारखंड में भी महागठबंधन ने वामदलों को लोकसभा की कुल 14 सीटों में से एक सीट भी नहीं दी है, जिसे लेकर वामदलों में नाराजगी है. वामदल की नाराजगी को दूर करने के लिए झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ने 16 फरवरी को कहा, ‘विधानसभा चुनाव में हमलोग लेफ्ट पार्टियों को उचित जगह और सम्मान देंगे.’

from Latest News राजनीति Firstpost Hindi https://ift.tt/2T2KJC9

No comments:

Post a Comment

ऑनलाइन SBI देता है कई सुविधाएं, घर बैठे चुटकी में हो जाएंगे आपके ये काम

SBI Online: भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) अपने ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल पर नेटबैंकिंग की अलावा कई अन्य सुविधाएं देता है. इनका लाभ उठा...

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here