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Friday 22 February 2019

बेगूसराय में पीएम: सवर्ण आरक्षण की याद दिलाकर वोटबैंक साधने की कोशिश

लोगों से कनेक्ट करने की विशेष विधा रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बेगूसराय पहुंचकर कई योजनाओं की आधारशिला रखी. मोदी ने बेगूसराय पहुंचकर वहां के मुख्य कारखानों को फिर से शुरू करने की बात कर आधारशिला रखी जिससे आस-पास के जिलों में लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. इतना ही नहीं मोदी ने बिहार के लिए तकरीबन 33 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिनमें मेडिकल कॉलेज से लेकर, पटना में मेट्रो परियोजनाएं सहित गैस पाइप लाइन्स हैं जो लोगों की जिंदगी में बदलाव ला सकती हैं. हालांकि बेगूसराय कभी लेनिनग्राद और मॉस्को के नाम से भी जाना जाता रहा है. यहां 60 के दशक में कई ऐसे ऐसे जुझारू कम्यूनिस्ट नेता पैदा हुए जिनकी बदौलत कम्यूनिस्ट विचारधारा का बेगूसराय सहित कई अन्य जिलों में गहरा प्रभाव रहा लेकिन 90 के दशक में मंडल की राजनीति के जोर पकड़ते ही पार्टी दिशाहीन दिखाई पड़ने लगी और लोगों में पकड़ कमजोर पड़ने लगी. आलम यह हुआ पिछले कई लोकसभा चुनाव में पार्टी खाता खोलने में भी विफल रही. सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के बाद सवर्णों के गढ़ में पीएम मोदी पीएम मोदी आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने के बाद पहली बार बेगूसराय आए थे जिसे सवर्णों का गढ़ माना जाता रहा है. लालू की लोकप्रियता जब शिखर पर थी और वो बिहार में वो सभी सीट जीतने में कामयाब रहे थे तब भी बेगूसराय एकमात्र लोकसभा सीट थी जहां लालू की पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था और कृष्णा शाही यहां से सांसद चुनी गई थीं. साल 2014 में मोदी की लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही थी और बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के सांसद भोला सिंह चुने गए थे. नरेंद्र मोदी सवर्णों के गढ़ बेगूसराय में उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई सवर्णों को आरक्षण देने की बात का जिक्र करना नहीं भूले. पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र में बहुमत वाली मजबूत सरकार हो तो फैसले लेने में दिक्कतें नहीं होती हैं. लेकिन इस मौके पर उन्होंने बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को भी याद करने का मौका नहीं गंवाया जिन्हें सामाजिक न्याय का पुरोधा माना जाता है. बिहार के बेगूसराय से उन्होंने स्थानीय मुद्दों सहित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रख लोगों को अवगत करा दिया कि कश्मीर में हुए पुलवामा हमले को वैसे ही महसूस करते हैं जैसे देश के साथ प्रेम रखने वाला एक आम नागरिक . कम्यूनिस्टों के पूर्व गढ़ में दिखा पीएम के प्रति विशेष आकर्षण साठ के दशक से 90 के दशक तक बेगूसराय की राजनीति में कम्यूनिस्टों का बोलबाला रहा है. लेकिन मंडल की राजनीति के चलन के बाद कम्यूनिस्टों का मजबूत किला यहां ढहने लगा. पिछले विधानसभा चुनाव में सातों सीट पर कम्यूनिस्टों को हार का सामना करना पड़ा था वैसे 2015 में नीतीश लालू का गठजोड़ था लेकिन प्रधानमंत्री का दौरा उस वक्त भी काफी असरदार दिखाई पड़ा था. नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के साथ हैं इसलिए सामाजिक समीकरण के लिहाज से भी एनडीए मजबूत स्थिति में है. लेकिन जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार भी इसी इलाके के रहने वाले हैं. कम्यूनिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. कन्हैया चुनाव जीतकर कम्यूनिस्ट पार्टी को यहां मजबूत करना चाहते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री सवर्ण आरक्षण बिल को पास करा सवर्णों के दिलों में गहरी पैठ बनाने में कामयाब हुए हैं और बेगूसराय में सुनने आया लोगों का भारी हुजूम इस बात की तस्दीक कर रहा था कि सबका साथ, सबका विकास के नारे को वो सरजमीं पर उतारना चाहते हैं. बेगूसराय के स्वर्णिम इतिहास को दोहरा प्रधानमंत्री ने जीता लोगों का दिल बेगूसराय झारखंड के अलग होने के बाद बिहार के इक्के-दुक्के औद्योगिक शहरों में गिना जाता है. यहां का बरौनी तेलशोधक कारखाना और फर्टिलाइजर काफी विख्यात रहा है. प्रधानमंत्री ने बरौनी रिफाइनरी में बरौनी रिफाइनरी विस्तार परियोजना और एटीएफ हाइड्रोट्रीटिंग यूनिट (आईएनडीजेईटी) की आधारशिला रखते हुए राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह को याद किया, जिन्होंने बिहार में उद्योग लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. बरौनी रिफाइनरी और बरौनी फर्टिलाइजर के पुनरुद्धार की बात कर प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का नाम लेकर और उन्हें सराह कर स्थानीय जनता का खूब दिल जीता. दरअसल बिहार केसरी की उपमा से प्रख्यात श्रीकृष्ण सिंह इसी इलाके के हैं, यहां आज भी जनता उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करती है. इतना ही प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रकवि दिनकर को याद करना नहीं भूले. रामधारी सिंह दिनकर बेगूसराय जिले के निवासी थे और उन्हें याद कर प्रधानमंत्री ने लोगों के साथ जुड़ने का अनूठा प्रयास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की विशेष शैली तब एक बार फिर दिखी जब उन्होंने मंच पर विराजमान सभी साथियों का अभिवादन करते हुए अपने भाषण में स्थानीय भाषा का प्रयोग करते हुए लोगों से उनकी खैरियत पूछी. स्थानीय भाषा में बोलते हुए मोदी ने कहा कि सब लोग के प्रणाम करै छियो. इतना ही नहीं बेगूसराय दिवंगत सांसद भोला सिंह को भी याद करते हुए उन्होंने कहा कि भोला बाबू होते तो उन्हें बड़ी प्रसन्नता होती. जाहिर है बेगूसराय सहित राज्य की जनता के दिलों को जीतने के उनके प्रयास में स्थानीय मुद्दे सहित देशप्रेम की भी बातें थी जिसको लेकर पूरा देश चिंतित दिखाई पड़ रहा है. इस मौके पर पुलवामा में सीआरपीएफ के जवान की शहादत का रोष जब यहां के लोगों के नारेबाजी में सुनाई पड़ा तो प्रधानमंत्री ने जनता को ढांढस बंधाते हुए कह डाला की जो आग आपके दिल में है वही आग मेरे दिल में भी है. दरअसल पुलवामा हमले में पास के दो जिलों के दो सीआरपीएफ जवान की शहादत हुई है. इनमें से एक भागलपुर के रतन ठाकुर और दूसरा पटना के संजय सिन्हा की शहादत को उन्होंने याद किया. बिहार को 33 हजार करोड़ का सौगात दे पीएम दिखे चुनावी मोड में पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकार के काम करने की मंशा और तरीकों पर भी बोलते हुए कहा कि वो एनडीए सरकार दो आयाम पर विकास की गति को आगे बढ़ा रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाएं, औद्योगिक विकास, लोगों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराना एक आयाम है तो 70 सालों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित, शोषित और पीड़ितों के जीवन को आसान बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा किया गया कार्य दूसरा आयाम. Boosting Bihar’s development. Inaugurating multiple projects in Barauni. https://t.co/w9p8kadMsg — Narendra Modi (@narendramodi) February 17, 2019 पटना वासियों को बधाई देते हुए पीएम ने कहा कि पाटलिपुत्र अब मेट्रो रेल से जुड़ने वाला है और 13 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से पटना को नई रफ्तार मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बरौनी में फर्टिलाइजर का कारखाना फिर से चालू किया जा रहा है, और पटना में पाइप के माध्यम से गैस देने का काम होगा और हजारों परिवारों को अब पाइप वाली गैस मिलने वाली है साथ ही गाड़ियां भी सीएनजी से चल सकेंगी. इसी योजना के पहले चरण में जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन के पटना-फूलपुर सेक्शन का लोकार्पण किया गया है. पीएम मोदी ने जुलाई 2015 में इसकी आधारशिला रखी थी और हल्दिया-दुर्गापुर LPG पाइपलाइन का विस्तार मुजफ्फरपुर और पटना तक किया जा रहा है और इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया गया. ध्यान रहे प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के द्वारा यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को गैस पाइपलाइन से जोड़ा जा रहा है जिससे पूर्वी भारत का विकास तेजी से हो सके. इतना ही नहीं कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर जिनमें पटना शहर को स्मार्ट बनाने से जुड़े प्रोजेक्ट हैं, राज्य के औद्योगिक विकास और युवाओं को रोजगार से जुड़े प्रोजेक्ट सहित स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने वाली परियोजनाएं हैं.

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