विशाल शर्मा, नई दिल्लीगलत लोगों के सामने मासूम ‘नाजुक’ न रहें और गंदे इरादों को तुरंत भांप लें, इसके लिए दिल्ली पुलिस विशेष अभियान चला रही है। पुलिसकर्मी बच्चों और उनके परिवारीजनों के बीच जाकर उन्हें यौन शोषण के खिलाफ जागरूक करते हैं। उन्हें बताया जाता है कि चुप रहने से नहीं, बल्कि बोलने से काम चलेगा। गलत बर्ताव के खिलाफ आवाज उठाएं। परिवार, टीचर या पुलिस से पूरी बात बताएं। यह ऑपरेशन 'नाजुक' रंग भी ला रहा है। बच्चे अब पुलिस वाले ‘अंकल’ और ‘दीदी’ से मन की बात करने से नहीं कतराते। उन जिलों में परिणाम अधिक अच्छे हैं, जहां इस अभियान की कमान महिला पुलिस अधिकारी के पास है। अब तक 1000 से ज्यादा कार्यक्रम हुए हैं, जिनमें 40 हजार लोगों को जागरूक किया गया है। नॉर्थ-वेस्ट जिला सबसे आगे ऑपरेशन नाजुक में नॉर्थ-वेस्ट जिला सबसे आगे है, जहां डीसीपी विजयंता आर्या ने यह अभियान शुरू किया था। असर को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने सभी जिलों में इसे चलाने का आदेश दिया है। डीसीपी ने बताया कि बाल अपराध से जुड़े अधिकतर आरोपी परिवार के जानकार या पड़ोसी होते हैं।
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