लखनऊयूपी की राजधानी लखनऊ में चिनहट निवासी एक व्यक्ति को ब्लैक लिस्टेड बताने पर टॉल फ्री नंबर पर कॉल करना महंगा पड़ गया। जालसाजों ने उसको फास्टैग रीचार्ज करवाने का झांसा देकर एक लिंक भेजा, जिसमें मांगी गई जानकारियां भरते ही कई बार में उसके खाते से हजारों रुपये निकल गए। चिनहट की सनातन नगर कॉलोनी में साधु शरण चौबे रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी गाड़ी का फास्टैग ब्लैक लिस्टेड बता रहा था। पीड़ित ने टॉल फ्री नंबर पर कॉल की। इसके बाद साइबर जालसाज ने दीपक शर्मा बनकर पीड़ित को कॉल की और एक अन्य मोबाइल नंबर से लिंक भेजा। फोन पर अभद्रता भी की पीड़ित से लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा। पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया। इसके बाद जालसाज ने बताया कि बैलेंस खत्म हो गया है। रीचार्ज करवाना होगा। इसके बाद पीड़ित को दूसरा लिंक भेजा गया। उसमें दिए प्रोफार्मा को भरने के लिए कहा गया। पीड़ित ने प्रोफार्मा भरने के बाद जैसे ही समिट किया, उनके खाते से 6 बार में 59,752 रुपये जालसाजों ने निकाल लिए। यही नहीं जालसाज ने रुपये वापस करने की बात कह कर पीड़ित से बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी मांगा, लेकिन उन्होंने नंबर नहीं बताया। पीड़ित ने जालसाज से रुपये वापस करने की बात कही तो फोन पर अभद्रता भी की। चिनहट पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। केवाईसी अपडेट के बहाने निकाल लिए 1 लाख इधर, आशियाना के देवीखेड़ा स्थित पीसीडीए कॉलोनी में रहने वाले उमेश चौबे के पास साइबर जालसाजों ने कॉल कर बैंक खाते की केवाईसी ऑनलाइन अपडेट करवाने का झांसा दिया। जालसाजों की बातों में आकर उमेश ने खाते से जुड़ी अहम जानकारियां उसे बता दीं। इसके बाद पीड़ित के खाते से एक लाख रुपये निकल गए। पीड़ित को शक है कि उनके खाते को हैक करके सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सरोजनीनगर शाखा से रुपये निकाले गए हैं। पीड़ित ने साइबर क्राइम सेल से भी शिकायत की। आशियाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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