लखनऊयूपी की राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज की में ब्रैंडेड कंपनियों का एक्सपायर्ड तेल खरीदकर किसान कोल्हू व रोजाना के नाम से बेचा जा रहा था। प्रयोगशाला में करवाई गई जांच में ऑइल मिल से लिए गए सभी 22 नमूने फेल हो गए। आठ नमूनों में रैंसिडिटी (खटवास) बढ़ी पाई गई जो पाचन तंत्र के लिए काफी हानिकारक है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को एफएसडीए ने फर्म संचालक को नोटिस जारी करने के साथ ही एसीजेएम व न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट में वाद दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मोहनलालगंज के रानीखेड़ा स्थित यशोधरा ऑइल मिल में दो व तीन मार्च को एफएसडीए टीम ने छापा मारकर बड़ी मात्रा में फॉर्च्युन और बुलेट ब्रैंड का एक्सपायर्ड ऑइल और यशोधरा ऑइल मिल में बना साइकल, किसान कोल्हू और रोजाना ब्रैंड का सरसों तेल व रिफाइंड ऑयल बरामद किया था। इसके अलावा यशोधरा मिल्स के ब्रांड के रैपर व जार भी जब्त किए गए थे। आठ नमूने असुरक्षित एफएसडीए की टीम ने एक्सपायर्ड ऑइल व तैयार ऑयल के 22 सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे थे। एफएसडीए के डीओ डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में सभी सैंपल फेल पाए गए। इनमें आठ नमूने असुरक्षित हैं। उनमें रैंसिडिटी बढ़ी हुई है। तेल की रैंसिडिटी उस अवस्था में बढ़ती है, जब तेल या तो काफी पुराना हो या खुले में रखा गया हो। यह पाचन तंत्र के लिए काफी हानिकारक भी होता है। इसके अलावा 14 नमूने अधोमानक पाए गए। एफएसडीए के सीएफएसओ सुरेश मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के अनुसार 14 नमूनों में मानक के अनुसार इंग्रेडिएंट्स कम पाए गए, लेकिन ऑइल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं था। ऐसे कर रहे थे फर्जीवाड़ा एफएसडीए की जांच में आया था कि ब्रैंडेड कंपनियों का एक्सपायर्ड रिफाइंड और सरसों का तेल डीलरों से बेहद सस्ते दामों में खरीदा जाता था। यह तेल यशोधरा ऑइल मिल के ब्रैंड वाले पाउच व जार में भरकर मैनुफैक्चरिंग की नई तारीख व गुणवत्ता दिखाकर बाजार में बेचा जाता था। पाचन तंत्र संबंधी रोगों का बढ़ जाता है खतरा लोहिया संस्थान की फिजीशियन डॉ. ऋतु करोली ने बताया कि एक्सपायर्ड तेल खाने से पाचन संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि तेल कितना पुराना है। वहीं, ज्यादा पुराना होने पर दिल के रोगों से लेकर अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। ऐसे पहचानें असली तेल -सरसों के तेल की थोड़ी मात्रा लेकर उसे टेस्ट ट्यूब में डालें। अब इसमें नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें डालें। इसे हिलाएं और मिश्रण दो से तीन मिनट के लिए गर्म करें। अगर रंग लाल हो जाता है तो तेल में मिलावट है या गड़बड़ी है। -सरसों का तेल फ्रिज में रखें। अगर मिलावट होगी तो ये जमने लगेगा। -तेल हाथ पर रखें। इसे रगड़कर देखें। अगर तेल हाथ पर रंग छोड़ दे तो मिलावट है। -ब्रैंडेट तेल लेते वक्त उस कंपनी का लोगो और स्पेलिंग सही से चेक करें। कई बार स्पेलिंग और लोगो में हेरफेर कर तेल बेचा जाता है।
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